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Day 21 – सुषुम्ना क्रिया योगियों कि संकल्प कि शक्ति

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सौभाग्य से बारिश थोड़ी देर के बाद रुक गयी । क्रिया योगि नाग तेजा फिर से संदेह के अनुरोध के साथ माताजी के पास गये । माताजी तेजा को देखकर कहे कि क्या हुआ बेटा..? उसने घबराते हुए संकोच के साथ कहा – “सत्संग के समय माताजी मेरे मन में खयाल आया कि अगर अभी बारिश होगी तो कितना अच्छा होगा, वैसै ही अचानक बारिश शुरू होगयी “ । माताजी हँसते हुए कहे कि, सुषुम्ना क्रिया योग साधकों को प्रकृति से एक समन्वयक रिश्ता बनता है । जब भी सुषुम्ना क्रिया योगी किसी विशय पर दृढ़ संकल्प करते हैं, वो ज़रूर पूर्ण होता है । इसलिए आप सभी को सत्संकल्प ही करनी चाहिए । बारिश होने का असली कारण जानकर युवा टीम के कुछ सदस्य नाग तेजा कि तरफ देखकर सोचे “तुम्हारे वजह से ही यह बारिश” । प्रातःकाल यमुनोत्री जाना है “माताजी को विश्राम करने दीजिए”, हमसे कहे और एक क्रिया योगि श्री रामचंद्रा जी। उनके कहते ही हम सब अपने अपने टेन्टस के पास चले गए।अगले दिन प्रातःकाल उठकर जल्दी -जल्दी तैयार होकर यमुनोत्री केलिए निकलने केलिए बस मे जाकर बैठे।

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