Welcome to the BLISSFUL journey

Day 45 – माताजी कहींन और रहस्य

0

“प्रति रोज़ ध्यान करते समय परम गुरु श्री महावतार बाबा जी अधिकत्म शक्ति प्रकंपन्न सबको प्रसारित करते हैं …

वहां पर ३ बजे ब्रह्म मुहूर्त के वक्त शिवलिंग पर तीन नीले रंग के कमल रखे गये। ४९ शिष्य एक -एक करके हाथ में पकडे कमल के फूल को बाबाजी के पादों पर भक्ति से समर्पित कर रहे थे। जैसे हम सभी मुद्रा में बैठकर ध्यान करते हैं, वैसे ही ४९ शिष्य मुद्रा बनाये  ध्यान कर रहे थे| बाबाजी के शिष्य कभी-कभी  हमारे गाइडिंग मास्टर्स बनकर भी आते हैं। गौरी शंकर मठ में जब वे ध्यान में बैठते हैं, अथवा उनकी सूक्ष्मा शरीर उनसे अलग होजाये, तब अगर हम भी उसी समय ध्यान कर रहे हों और साधकों की आवृत्ति उनसे मेल खा जय, थो वे साधक के पास गैडिंग मास्टर्स के जैसे आते हैं। वहां पर गौवें सफेद और भूरा रंग के हैं।
प्रातह ६ बजे एक मिट्टी के पात्र में  शिवलिंग के पास दूध प्रसाद रूप में रखा गया। और एक पात्र में महावतार बाबाजी के पास दूध नैवेध्य के रूप में रखा गया, लेकिन वे उस दूध को नहीं पिए। वे भौतिक रूप में वहाँ पर होते हुए भी वहां नहीं थे। वे अदृश्य रूप में कहीं और हैं। वहां पर हर एक के चारों ओर दिव्य कांति प्रकाशित हो रहा है। हममें से कुछ साधक गौरी शंकर मठ के पास जा पायेंगे। उनका ध्यान शक्ति और बढने से वे आश्रम के बाहर जो रक्ष – कवच है, उसे पार करके मठ के अंदर जा पायेंगे।
Share.
Leave A Reply